Prof Joginder Singh
Head of department
About
भारतीय संविधान द्वारा सन् 1950 में हिंदी को राजभाषा का गौरव प्राप्त हुआ है। वर्तमान समय में हिंदी विभिन्न कार्यक्रमों, सम्मेलनों, समाचार पत्रों, रेडियो और टेलीविजन केंद्रों एवम् सरकारी कार्यालयों में हिंदी का उपयोग किया जा रहा है। हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी शिक्षा का माध्यम बनी हुई है और अन्य राज्यों में हिंदी भाषा को दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है। हिंदी में मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, भूगोल, भौतिक विज्ञान इत्यादि विषयों का माध्यम बनने की भी प्रवृत्ति है। इस कारण प्रत्येक क्षेत्र में हिंदी पढ़ने वाले छात्रों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। आइए कुछ रोज़गार के अवसरों पर बात करें-
हिंदी अध्यापन : विद्यालय से विश्वविद्यालय तक अनेकों स्तर के पद,
राज भाषा अधिकारी: केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के लगभग सभी विभागों/कार्यालयों/मंत्रालयों में हिंदी अधिकारी/प्रबंधक/उप-प्रबंधक पद, राष्ट्रीय बैंक में भाषा अधिकारी पद।
प्रकाशन संस्थान: राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी-भाषा विशेषज्ञ की मांग।
हिंदी पत्रकारिता: इलेक्ट्रोनिक मिडिया आकाशवाणी, दूरदर्शन, रेडियो, डिजिटल, सोशल मिडिया आदि में समाचार उद्घोषक, वार्ता लेखक, प्रोग्रामिंग, रेडियो जॉकी, कमेन्टेटर, एंकर आदि; प्रिन्ट मिडिया में सम्पादक (एडिटर), सह-सम्पादक (सब-एडिटर), न्यूज़ एडिटर, स्तम्भ लेखन, फीचर लेखन, विशेष लेखन जैसे खेल समाचार, संसदीय समाचार, बाज़ार समाचार, फील्ड रिपोर्टर, प्रूफ रीडर आदि, मीडिया सलाहकार (केंद सरकार व राज्य सरकार, राजनेताओं द्वारा निजी मिडिया सलाहकार की भारी मांग)।
हिंदी अनुवादक एवं दुभाषिया : केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अनुवादक, देशी-विदेशी मिडिया संस्थानों में, देशी विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में, राजनैतिक संस्थाओं में, पर्यटन क्षेत्र में, समाचार अनुवाद, साहित्य अनुवाद जैसे अन्य लोक भाषाओं या वैश्विक भाषाओं के साहित्य का अनुवाद।
स्वतंत्र लेखन: ब्लॉग साहित्य/वैचारिक लेखन, साहित्य लेखन, भाषण लेखन, शोध-सहायता आदि।
विज्ञापन का क्षेत्र: टीवी विज्ञापन, अखबार विज्ञापन, मार्केटिंग विज्ञापन, टैग लाइन, स्लोगन लेखन आदि।
फिल्म/टीवी/रेडियो/वेबसाइट आदि सम्बन्धी में लेखन: संवाद रचना, गीत रचना, पटकथा लेखन(स्क्रीन प्ले) आदि।
ब्लॉग/वेबसाइट/मोबाइल एप में हिन्दी की लोकप्रियता के कारण देश/विदेश में हिंदी भाषा विशेषज्ञ की विशेष मांग।.